2025 में SIP कैसे शुरू करें | sip kaise start kare

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SIP कैसे शुरू करें (sip kaise start kare)

आज के समय में निवेश (Investment) की सही योजना बनाना बहुत जरूरी हो गया है। अगर आप अपने भविष्य को सुरक्षित बनाना चाहते हैं और छोटी-छोटी बचत से बड़ा फंड तैयार करना चाहते हैं, तो SIP (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे कि SIP क्या है, इसके फायदे, और इसे कैसे शुरू किया जा सकता है।


SIP क्या है?

SIP यानी सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (Systematic Investment Plan) म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश करने का एक तरीका है। इसमें आपको हर महीने या तिमाही एक निश्चित राशि निवेश करनी होती है। यह निवेश लंबी अवधि में बड़ा फंड बनाने में मदद करता है। SIP का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें आपको एक बार में बड़ी रकम नहीं लगानी पड़ती, बल्कि आप धीरे-धीरे छोटी राशि लगाकर बड़ा निवेश कर सकते हैं।

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SIP कैसे काम करता है?

SIP में आपकी निवेश की गई राशि को म्यूचुअल फंड में लगाया जाता है। इसमें “रुपये की औसत लागत” (Rupee Cost Averaging) का फायदा मिलता है, यानी जब बाजार गिरता है तो आपको अधिक यूनिट मिलती हैं और जब बाजार बढ़ता है तो आपकी यूनिट्स की वैल्यू भी बढ़ती है। यह लॉन्ग टर्म में अच्छे रिटर्न देने में मदद करता है।


SIP के फायदे

  1. छोटी राशि से शुरुआत: SIP में आप मात्र ₹500 प्रति माह से निवेश शुरू कर सकते हैं।
  2. जोखिम में कमी: बाजार के उतार-चढ़ाव से बचाव करने के लिए यह सबसे अच्छा तरीका है।
  3. लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन: SIP का बड़ा फायदा यह है कि यह कंपाउंडिंग का लाभ देता है।
  4. डिसिप्लिन्ड इन्वेस्टमेंट: यह निवेश करने की आदत विकसित करता है।
  5. टैक्स सेविंग: अगर आप ELSS (Equity Linked Saving Scheme) में SIP करते हैं तो आपको टैक्स में छूट मिलती है।

SIP कैसे शुरू करें? (sip kaise start kare)

SIP शुरू करने के लिए नीचे दिए गए आसान स्टेप्स को फॉलो करें:

1. अपना वित्तीय लक्ष्य तय करें

आपको सबसे पहले यह तय करना होगा कि आप SIP क्यों शुरू कर रहे हैं – क्या यह रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए है, बच्चे की शिक्षा के लिए, घर खरीदने के लिए, या महंगी खरीदारी के लिए।

2. सही म्यूचुअल फंड चुनें

अलग-अलग प्रकार के म्यूचुअल फंड होते हैं:

  • लार्ज कैप फंड: कम जोखिम, स्थिर रिटर्न
  • मिड कैप फंड: मध्यम जोखिम, अच्छे रिटर्न
  • स्मॉल कैप फंड: अधिक जोखिम, उच्च संभावित रिटर्न
  • ELSS फंड: टैक्स सेविंग के लिए

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3. SIP की राशि तय करें

आपकी निवेश क्षमता के अनुसार SIP की राशि तय करें। एक्सपर्ट्स का सुझाव है कि आपकी मासिक आय का 20% निवेश में लगाना चाहिए।

4. KYC प्रक्रिया पूरी करें

SIP शुरू करने से पहले आपका KYC (Know Your Customer) वेरिफिकेशन पूरा होना जरूरी है। इसके लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की जरूरत होगी:

  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • बैंक खाता विवरण
  • मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी

5. ब्रोकर या प्लेटफॉर्म चुनें

आप निम्नलिखित तरीकों से SIP शुरू कर सकते हैं:

  • म्यूचुअल फंड कंपनियों की वेबसाइट से
  • Zerodha, Groww, Upstox जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से
  • अपने बैंक के जरिए

अगर आपको सही प्लेटफॉर्म चुनने में दिक्कत हो रही है, तो आप डिमैट अकाउंट की सूची देख सकते हैं, जहां आपको बेहतरीन विकल्प मिलेंगे।

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6. ऑटो डेबिट सेट करें

आपके बैंक खाते से हर महीने ऑटोमेटिक रूप से SIP की राशि कट सके, इसके लिए ऑटो-डेबिट सुविधा सेट करें।

7. नियमित मॉनिटरिंग करें

अपने निवेश को समय-समय पर मॉनिटर करें और जरूरत पड़ने पर इसमें बदलाव करें।


SIP में कितना रिटर्न मिलता है?

SIP (Systematic Investment Plan) में रिटर्न इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश कर रहे हैं, और वह स्कीम कैसा प्रदर्शन कर रही है। लेकिन सामान्य तौर पर, SIP में आपको 12% से 15% तक का औसत वार्षिक रिटर्न मिल सकता है अगर आपने इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश किया है। अगर आप डेट म्यूचुअल फंड में SIP कर रहे हैं, तो रिटर्न थोड़ा कम, लगभग 6% से 9% तक हो सकता है।

उदाहरण के लिए, अगर आप हर महीने 5,000 रुपये की SIP करते हैं और आपकी स्कीम 12% का वार्षिक रिटर्न देती है, तो 10 साल बाद आपका निवेश लगभग 11 लाख रुपये तक हो सकता है।

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SIP की खास बात यह है कि इसमें रुपया-कॉस्ट एवरेजिंग और कंपाउंडिंग जैसे फायदे होते हैं, जिससे लंबे समय में अच्छा रिटर्न पाने के चांस बढ़ जाते हैं।


SIP के अमाउंट को कब बढ़ाना चाहिए? (sip kaise start kare)

SIP में निवेश करने का एक बड़ा फायदा यह है कि आप इसे अपनी आर्थिक स्थिति के हिसाब से बढ़ा या घटा सकते हैं। SIP के अमाउंट को बढ़ाने का सही समय इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी आमदनी, वित्तीय लक्ष्य, और मौजूदा बाजार स्थिति क्या है। नीचे कुछ ऐसे मौके दिए गए हैं, जब आपको SIP का अमाउंट बढ़ाने पर विचार करना चाहिए:

  1. आमदनी बढ़ने पर: जब आपकी सैलरी या बिज़नेस से होने वाली आय बढ़ जाती है, तो यह सही समय हो सकता है SIP की राशि बढ़ाने का। इससे आपकी बचत और निवेश दोनों तेजी से बढ़ेंगे और आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को जल्दी हासिल कर सकते हैं।
  2. लंबे वित्तीय लक्ष्य: अगर आपके वित्तीय लक्ष्य बड़े या लंबी अवधि वाले हैं, जैसे घर खरीदना, बच्चों की शिक्षा या रिटायरमेंट के लिए बचत, तो SIP की राशि बढ़ाने से आप अपने लक्ष्यों के और करीब पहुंच सकते हैं।
  3. महंगाई के कारण: समय के साथ महंगाई बढ़ती है, जिससे आपके निवेश पर मिलने वाला रिटर्न वास्तविक रूप से कम हो सकता है। SIP की राशि को नियमित रूप से बढ़ाने से आप महंगाई के असर को कम कर सकते हैं।
  4. बाजार में गिरावट के समय: अगर बाजार में गिरावट हो रही है, तो यह SIP में अधिक निवेश करने का अच्छा मौका हो सकता है। इससे आपको इक्विटी म्यूचुअल फंड में सस्ते दाम पर यूनिट्स मिल सकती हैं, जिससे लंबे समय में रिटर्न बढ़ सकता है।
  5. बोनस या एक्स्ट्रा इनकम मिलने पर: अगर आपको सैलरी के अलावा कोई बोनस, इंक्रीमेंट या कोई दूसरी एक्स्ट्रा इनकम मिलती है, तो इसे SIP में निवेश करके आप अपने निवेश पोर्टफोलियो को मजबूत बना सकते हैं।

SIP में कितने सालों तक निवेश करना चाहिए?

SIP में निवेश की अवधि इस बात पर निर्भर करती है कि आपके वित्तीय लक्ष्य क्या हैं, आप कितना जोखिम उठा सकते हैं, और आपकी निवेश की रणनीति क्या है। हालांकि, SIP का असली फायदा तब मिलता है जब आप इसे लंबी अवधि के लिए करते हैं। यहां कुछ मुख्य बातें बताई गई हैं जिनसे आप यह तय कर सकते हैं कि कितने सालों तक SIP में निवेश करना चाहिए:

  1. लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए: अगर आपके लक्ष्य जैसे रिटायरमेंट, बच्चों की शिक्षा या घर खरीदना 10-15 साल बाद के हैं, तो SIP में लंबे समय तक (10 से 20 साल या उससे भी ज्यादा) निवेश करना सही हो सकता है। इससे आपको कंपाउंडिंग और बाजार की उतार-चढ़ाव को संभालने का पर्याप्त समय मिलता है।
  2. कम से कम 5-7 साल: SIP में निवेश का असली फायदा तभी दिखता है जब आप इसे कम से कम 5 से 7 साल तक जारी रखते हैं। शेयर बाजार में अल्पकालिक उतार-चढ़ाव होते रहते हैं, लेकिन लंबे समय में बाजार स्थिर होकर अच्छे रिटर्न दे सकता है।
  3. नियमित और अनुशासित निवेश: SIP की खासियत है कि आप बाजार के उतार-चढ़ाव की चिंता किए बिना नियमित रूप से निवेश करते रहते हैं। इसलिए जितना लंबा समय आप निवेश में बिताएंगे, उतना ही आपके रिटर्न पर पॉज़िटिव असर होगा। 10 साल या उससे अधिक की अवधि SIP में निवेश करने के लिए आदर्श मानी जाती है।
  4. कंपाउंडिंग का फायदा: SIP का एक और बड़ा फायदा यह है कि इसमें कंपाउंडिंग का लाभ मिलता है, जिसका मतलब है कि आपके निवेश पर मिलने वाला ब्याज या रिटर्न भी वापस निवेश हो जाता है। जितना अधिक समय आप निवेश में बिताएंगे, कंपाउंडिंग का असर उतना ही अधिक होगा।
  5. लक्ष्यों के हिसाब से: अगर आपका कोई शॉर्ट टर्म (1 से 3 साल) का लक्ष्य है, तो SIP उतना सही विकल्प नहीं है। SIP को हमेशा लंबे समय तक (कम से कम 5 साल या उससे ज्यादा) के लिए रखना बेहतर होता है ताकि बाजार के उतार-चढ़ाव से बचा जा सके और अच्छे रिटर्न मिलें।

क्या SIP में रिस्क होता है?

SIP (Systematic Investment Plan) में भी रिस्क होता है, क्योंकि SIP म्यूचुअल फंड्स के माध्यम से किया जाता है, और म्यूचुअल फंड्स का प्रदर्शन शेयर बाजार की चाल पर निर्भर करता है। लेकिन SIP का एक खास फायदा यह है कि यह रिस्क को कम करने में मदद करता है। यहाँ SIP से जुड़े रिस्क और इसे कम करने के तरीके समझाए गए हैं:

  1. बाजार का रिस्क (Market Risk): SIP के जरिए निवेश करने पर आपका पैसा शेयर बाजार से जुड़ी स्कीमों में लगाया जाता है। इसलिए अगर बाजार में गिरावट आती है, तो आपके निवेश की वैल्यू भी कम हो सकती है। हालांकि, SIP में आप नियमित रूप से निवेश करते हैं, जिससे रुपया-कॉस्ट एवरेजिंग का फायदा मिलता है। जब बाजार नीचे होता है, तो आपको सस्ते दाम पर यूनिट्स मिलती हैं, और बाजार ऊपर जाता है तो उन यूनिट्स की कीमत बढ़ जाती है।
  2. कम अवधि में रिस्क: अगर आप SIP में कम समय के लिए निवेश कर रहे हैं, तो रिस्क ज्यादा होता है, क्योंकि बाजार में अल्पकालिक उतार-चढ़ाव हो सकता है। इसलिए SIP को हमेशा लंबी अवधि (5 से 10 साल या उससे ज्यादा) के लिए किया जाना चाहिए, ताकि बाजार के उतार-चढ़ाव का असर कम हो सके।
  3. अलग-अलग स्कीमों का रिस्क: SIP के जरिए आप कई तरह की म्यूचुअल फंड स्कीमों में निवेश कर सकते हैं, जैसे इक्विटी फंड, हाइब्रिड फंड, या डेट फंड। इक्विटी फंड में रिस्क ज्यादा होता है, लेकिन रिटर्न भी ज्यादा मिल सकता है। वहीं डेट फंड में रिस्क कम होता है, लेकिन रिटर्न भी थोड़ा कम होता है। आप अपने रिस्क प्रोफाइल के अनुसार सही स्कीम चुन सकते हैं।
  4. रिटर्न की अनिश्चितता: SIP में रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने किस प्रकार के म्यूचुअल फंड में निवेश किया है और वह फंड कैसा प्रदर्शन कर रहा है। हालांकि, अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं, तो जोखिम कम होता है और बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
  5. इन्फ्लेशन का रिस्क: अगर आप सिर्फ डेट म्यूचुअल फंड्स या कम रिटर्न वाले फंड्स में निवेश कर रहे हैं, तो महंगाई (इन्फ्लेशन) का असर आपके रिटर्न पर पड़ सकता है। इसलिए SIP में विविधीकरण (Diversification) जरूरी है, यानी आप अपने पैसे को अलग-अलग तरह के फंड्स में निवेश करें, ताकि रिस्क भी कम हो और रिटर्न भी अच्छा मिले।

SIP में रिस्क को कम कैसे किया जा सकता है?

  1. लंबी अवधि का निवेश: SIP में लंबे समय तक निवेश करने से बाजार के उतार-चढ़ाव से बचा जा सकता है। लंबे समय में बाजार में स्थिरता आती है और आपको अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
  2. विविधीकरण (Diversification): अपने निवेश को अलग-अलग म्यूचुअल फंड्स में विभाजित करें, जैसे इक्विटी, डेट और हाइब्रिड फंड्स। इससे एक ही प्रकार के फंड से जुड़े रिस्क को कम किया जा सकता है।
  3. नियमित मॉनिटरिंग: अपने निवेश को समय-समय पर मॉनिटर करें और जरूरत पड़ने पर बदलाव करें। अगर बाजार में कोई बड़ा बदलाव आ रहा है या आपके वित्तीय लक्ष्य बदल रहे हैं, तो SIP का अमाउंट या स्कीम बदलना सही हो सकता है।

क्या स्टॉक में SIP की जा सकती है? (sip kaise start kare)

हाँ, स्टॉक्स में भी SIP (Systematic Investment Plan) की जा सकती है। इसे स्टॉक SIP या Equity SIP कहा जाता है। ठीक उसी तरह जैसे म्यूचुअल फंड्स में SIP होती है, स्टॉक SIP में आप नियमित रूप से एक निश्चित राशि का निवेश करते हैं और उससे स्टॉक खरीदते हैं। यहां स्टॉक SIP से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु बताए गए हैं:

  1. स्टॉक SIP कैसे काम करती है? स्टॉक SIP में आप एक या कई स्टॉक्स चुन सकते हैं और हर महीने या हर सप्ताह एक निश्चित राशि के हिसाब से उन स्टॉक्स में निवेश कर सकते हैं। निवेश की यह राशि अपने बैंक खाते से नियमित रूप से कट जाती है, और उस राशि से आपके चुने हुए स्टॉक्स की उतनी यूनिट्स खरीद ली जाती हैं, जितनी उस समय के बाजार भाव में संभव हो।
  2. स्टॉक SIP में फायदे:
    • रुपया-कॉस्ट एवरेजिंग: स्टॉक SIP के जरिए आप नियमित रूप से स्टॉक्स खरीदते हैं, जिससे आपको अलग-अलग बाजार भाव पर स्टॉक्स मिलते हैं। जब बाजार गिरता है, तो आपको सस्ते दाम पर अधिक स्टॉक्स मिलते हैं और जब बाजार चढ़ता है, तो आपका निवेश बढ़ता है।
    • अनुशासित निवेश: स्टॉक SIP आपको शेयर बाजार में अनुशासित तरीके से निवेश करने की सुविधा देता है। आप अपने बड़े निवेश को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर नियमित रूप से निवेश कर सकते हैं।
    • लंबी अवधि का लाभ: स्टॉक SIP आपको लंबी अवधि में शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव से बचने का मौका देता है और आपको कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है।
  3. स्टॉक SIP कहां से शुरू कर सकते हैं? स्टॉक SIP शुरू करने के लिए आपको एक डिमैट अकाउंट की जरूरत होगी। कई ब्रोकर प्लेटफॉर्म जैसे Zerodha, Groww, HDFC Securities, ICICI Direct आदि स्टॉक SIP की सुविधा प्रदान करते हैं। आप इन प्लेटफॉर्म्स पर जाकर अपने पसंदीदा स्टॉक्स का चयन करके स्टॉक SIP शुरू कर सकते हैं।
  4. स्टॉक SIP में जोखिम: चूंकि स्टॉक SIP सीधे शेयर बाजार से जुड़ा है, इसमें बाजार से जुड़े जोखिम होते हैं। अगर स्टॉक के दाम गिरते हैं, तो आपके निवेश की वैल्यू भी कम हो सकती है। लेकिन अगर आपने अच्छे और मजबूत कंपनियों के स्टॉक्स में निवेश किया है और इसे लंबे समय तक जारी रखा है, तो आपको बेहतर रिटर्न मिल सकते हैं।
  5. म्यूचुअल फंड SIP और स्टॉक SIP में अंतर:
    • म्यूचुअल फंड SIP में आपका पैसा एक पोर्टफोलियो में निवेश होता है, जिसे प्रोफेशनल फंड मैनेजर द्वारा मैनेज किया जाता है। यह एक डायवर्सिफाइड निवेश होता है।
    • स्टॉक SIP में आप सीधे स्टॉक्स खरीदते हैं और आपका निवेश सिर्फ उन्हीं चुनिंदा कंपनियों के स्टॉक्स में होता है, जिनमें आपने SIP शुरू की है। इसमें रिस्क और रिटर्न दोनों ही अधिक हो सकते हैं।

SIP शुरू करने के लिए अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न FAQs (sip kaise start kare)

1. SIP क्या है?

SIP (Systematic Investment Plan) एक तरीका है जिसके जरिए आप नियमित अंतराल (जैसे मासिक, त्रैमासिक) पर म्यूचुअल फंड्स में एक निश्चित राशि निवेश करते हैं। यह शेयर बाजार में लंबी अवधि के लिए निवेश करने का एक अनुशासित तरीका है।

2. SIP कैसे काम करता है?

SIP में आप म्यूचुअल फंड्स की यूनिट्स हर महीने या समय-समय पर खरीदते हैं। इससे आप बाजार के अलग-अलग स्तरों पर निवेश करते हैं, जो रुपया-कॉस्ट एवरेजिंग के माध्यम से जोखिम को कम करता है। इसके साथ ही आपको कंपाउंडिंग का लाभ भी मिलता है।

3. SIP शुरू करने के लिए कितनी राशि चाहिए? (sip kaise start kare)

अधिकतर म्यूचुअल फंड स्कीम्स में आप SIP सिर्फ ₹500 से भी शुरू कर सकते हैं। राशि आप अपनी वित्तीय स्थिति और लक्ष्य के हिसाब से चुन सकते हैं।

4. SIP करने का सही समय क्या है?

SIP शुरू करने का सही समय जितनी जल्दी हो सके है। जितनी जल्दी आप निवेश शुरू करेंगे, उतना अधिक समय आपको कंपाउंडिंग और बाजार के बढ़ते रुझानों का लाभ उठाने के लिए मिलेगा।

5. क्या SIP में कोई लॉक-इन पीरियड होता है?

SIP में निवेश करने पर कोई लॉक-इन पीरियड नहीं होता, सिवाय उन स्कीम्स के जो ELSS (Equity Linked Saving Scheme) होती हैं, जिनमें 3 साल का लॉक-इन होता है। अन्य म्यूचुअल फंड्स में आप कभी भी अपना निवेश निकाल सकते हैं।

6. SIP का अमाउंट बढ़ा या घटा सकते हैं?

हाँ, SIP का अमाउंट बढ़ाना या घटाना संभव है। अगर आपकी आमदनी बढ़ती है या आप अधिक निवेश करना चाहते हैं, तो आप SIP का अमाउंट बढ़ा सकते हैं। इसी तरह, अगर आपके खर्च बढ़ जाते हैं, तो आप अमाउंट घटा भी सकते हैं।

7. SIP से कितना रिटर्न मिलता है?

SIP का रिटर्न इस बात पर निर्भर करता है कि आपने किस म्यूचुअल फंड में निवेश किया है। इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में आमतौर पर 12% से 15% तक का औसत वार्षिक रिटर्न मिल सकता है। डेट म्यूचुअल फंड्स में यह 6% से 9% तक हो सकता है।

8. SIP के लिए कौन-से डॉक्यूमेंट्स चाहिए?

SIP शुरू करने के लिए आपको KYC (Know Your Customer) प्रक्रिया पूरी करनी होती है, जिसमें आपके पास आधार कार्ड, पैन कार्ड, और बैंक अकाउंट डिटेल्स होने चाहिए। KYC प्रक्रिया एक बार पूरी करने के बाद, आप किसी भी म्यूचुअल फंड में SIP शुरू कर सकते हैं।

9. SIP में किस तरह के म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं?

आप SIP के जरिए इक्विटी फंड, डेट फंड, हाइब्रिड फंड, और ELSS जैसी विभिन्न प्रकार की म्यूचुअल फंड स्कीम्स में निवेश कर सकते हैं। आपका चुनाव आपके वित्तीय लक्ष्य, निवेश अवधि, और जोखिम उठाने की क्षमता पर निर्भर करता है।

10. क्या SIP सुरक्षित है?

SIP एक सुरक्षित तरीका है, लेकिन इसमें बाजार से जुड़ा जोखिम होता है। हालांकि, लंबे समय के लिए नियमित निवेश करने से बाजार की उतार-चढ़ाव का प्रभाव कम हो जाता है और आपको बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना होती है।

11. SIP कब तक जारी रखनी चाहिए?

SIP को लंबी अवधि तक जारी रखने की सलाह दी जाती है, कम से कम 5 से 10 साल। इससे आप कंपाउंडिंग का पूरा फायदा उठा सकते हैं और बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित हुए बिना बेहतर रिटर्न पा सकते हैं।

12. क्या मैं एक से ज्यादा SIP शुरू कर सकता हूँ?

हाँ, आप अपनी जरूरतों और वित्तीय लक्ष्यों के हिसाब से एक से ज्यादा SIP शुरू कर सकते हैं। अलग-अलग फंड्स में SIP करने से आपका निवेश विविधीकरण (Diversification) होता है, जिससे जोखिम कम होता है।

13. SIP बंद करने का तरीका क्या है?

अगर आपको SIP बंद करनी है, तो आप अपने म्यूचुअल फंड कंपनी या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर जाकर SIP बंद कर सकते हैं। हालांकि, यह याद रखें कि SIP बंद करने से आपका नियमित निवेश रुक जाएगा और आपके लंबे समय के लक्ष्यों पर असर पड़ सकता है।

14. SIP में निवेश किसे करना चाहिए?

SIP में निवेश उन लोगों के लिए सही है जो शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं लेकिन बड़ी रकम एक बार में नहीं लगा सकते। यह उन निवेशकों के लिए भी सही है जो नियमित और अनुशासित तरीके से अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करना चाहते हैं।

15. SIP में टैक्स छूट मिलती है?

ELSS (Equity Linked Saving Scheme) के तहत की गई SIP पर टैक्स छूट मिलती है। इस स्कीम में निवेश की गई राशि पर आप धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं।


निष्कर्ष

SIP एक बेहतरीन निवेश विकल्प है जो आपको छोटी-छोटी बचत से बड़ा फंड बनाने में मदद करता है। अगर आप सही योजना और अनुशासन के साथ निवेश करते हैं, तो SIP से अच्छा रिटर्न पा सकते हैं।

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